पर्व भारतीय परंपरा के पोषक तत्व हैं, जो हमारी संस्कृति और संस्कारों को जीवंत रखते है। और जीवित रखते हैं हमारे नैतिक मूल्यों को। पर्व और त्यौहारों में मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य को सर्वाधिक महत्त्व प्रदान किया गया है।
इनमें लौकिक कार्यों के साथ ही धार्मिक तत्वों का ऐसा समावेश किया गया है, जिससे हमें न केवल अपने जीवन निर्माण में सहायता मिले, बल्कि समाज की भी उन्नति होती रहें।
पर्व और त्यौहार धर्म एवं आध्यात्मिक भावों को उजागर कर के लोक के साथ परलोक सुधार की प्रेरणा भी देते हैं । इस प्रकार मनुष्यों की आध्यात्मिक उन्नति में भी ये सहायक होते हैं।
इन्ही उद्धेश्यों की पूर्ती के लिए प्रतिभास्थली में समय–समय पर विभिन्न पर्व और त्योहारों का आयोजन किया जाता है जेसे - दीपावली, होली, पर्युषण पर्व, क्षमावाणी पर्व, शिक्षक दिवस, रक्षाबंधन आदि ।