प्रतिभास्थली का उददेश्य है छात्राओं का सर्वांगीण विकास करना, आधुनिक शिक्षा के साथ साथ पाक कला में निपुणता भी आवश्यक है, सात्विक आहार तन, मन तथा वचन को स्वस्थ रखता है इसलिए पाककला को भी अन्य गतिविधियों के सामान अनिवार्य रूप से रखा गया है ।
विविध परम्परा को अपने आंचल में समेटे भारतीय संस्कृति का प्रत्येक परिवार एक ऐसी कुशल गृहणी की तलाश में रहता है, जिसके हाथों में रस हो, व्यंजन बनाने की कला में पारंगत हो। ऐसी कुशल कन्या में विविध कौशलों को गढ़ने का काम करती है- “प्रतिभास्थली” ।