एक ही प्रकार का कार्य करते-करते और अधिक सफलता न मिल पाने के कारण मनुष्य में निराशा का भाव आ जाना स्वाभाविक है, फिर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में निराशा आ जाना सम्भावित है।
इन्हीं नकारात्मक भावों के समन के लिए प्रतिभास्थली में समय-समय पर अनुभवी योग्य वक्ताओं के द्वारा प्रेरणादायी भाषण का आयोजन किया जाता है, इससे छात्राओं में एक नवीन चेतना जागृत होती है।