“शिक्षा का उद्धेश्य हित का सृजन, अहित का बिसर्जन है ।” -आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज
शिक्षा का लक्ष्य मात्र पड़ना लिखना नहीं अपितु जीवन का नैतिक विकास भी है । आज विद्यार्थी शिक्षा तो प्राप्त कर रहे हैं, पर संस्कारों से उनका सम्बन्ध नहीं बन पा रहा है, इसी दूरी को दूर करने के लिए हमने बनाया है एक क्रम ज्ञान प्राप्ति का जिससे छात्राएं शिक्षा के साथ साथ संस्कारों से भी जुड़ें ।
यहाँ विज्ञान, गणित, भूगोल आदि विषयों के पारिभाषिक शब्दों का ज्ञान अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों भाषाओँ में कराया जाता हैं। जिससे उन्हें आगे किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कठिनाई की अनुभूति न हो। अंग्रेज़ी भाषा की वाक् कला में निपुण करने के लिए Spoken English classes, श्रवण कक्षा, वाद विवाद आदि का आयोजन किया जाता हैं ।