हस्तकौशल

 
हस्त कौशल एक अद्वितीय कला हैं। भारत हस्तशिल्प का सर्वोत्कृष्ट केन्द्र माना जाता है। यहाँ दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुएँ भी कोमल कलात्मक रूप में गढ़ी जाती हैं।

ये कलाएँ हजारों सालों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी पोषित होती रही हैं और हजारों हस्तशिल्पकारों को रोजगार प्रदान करती हैं।
 
प्रतिभास्थली जहाँ एक ओर प्राचीन भारतीय हस्तकौशल को संरक्षित, संवर्धित तथा हस्तांतरित का कार्य कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर हस्त कौशल के माध्यम से छात्राओं में आत्मविश्वास, कल्पनाशीलता, सृजनशीलता एवं रचनात्मक कुशलता आदि गुणों का विकास कर रही हैं।

प्रतिभास्थली में छात्राओं को रेखांकन, चित्रकला, मीनाकारी, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, क्विलींग, लमासा, मेक्रम, मार्बल मिनिएचर, टाई और डाई, मेहंदी, क्रोशिया, रंगोली, ग्लास पेंटिंग अदि हस्तकौशल की कलाएं सिखाई जाती हैं।