उद्यान विद्या

 
विद्यालय प्रांगण में एक रमणीय विशाल और सुंदर उद्यान है, जहाँ छात्राएँ स्वयं पौधों की देखभाल करती हैं। यहाँ वे धैर्य से समूह के साथ कार्य करना सीखती है, प्राकृतिक वातावरण में रहकर प्रकृति से मित्रता सीखती हैं।

साथ ही साथ वे स्वयं भी वृक्षारोपण की कला भी सीखती हैं, नन्हे पौधों को अपने नन्हें–नन्हें हाथों से रोपित कर उन्हें प्रतिदिन जल–खाद आदि देकर बड़ते देखना उनके प्रकृति से प्रेम को और बढ़ाता है।
 
कहा भी जाता है – “वृक्षो रक्षति रक्षित:“ की युक्ति को चरितार्थ करते हुए प्रतिभास्थली में बच्चों के लिए जहाँ पेड़ पौधों से सम्बंधित विभिन्न गतिविधिओं से परिचित कराया जाता हैं वहीं उनको पशु-पक्षियों से भी प्रेम करना सिखाया जाता हैं।

इसके लिए विद्यालय में वृक्षारोपण, गमलों में पानी सिंचन, कबूतरों को दाना खिलाना, उन्हें खुले आकाश में आज़ाद करना, गायों को चारा और गुड़ खिलाना, गौ-ग्रास, औषधीय पौधों की पहचान और सफाई अभियान आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं।