ग्रंथालय

पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती हैं इनमें वह शक्ति होती है जो मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती हैं तथा कठिन से कठिन समस्याओं के निदान के लिए बल प्रदान करती हैं। पुस्तकें मनुष्य के आत्म-बल का भी सर्वश्रेष्ठ साधन हैं।

 
महान देशभक्त एवं विद्वान लाला लाजपत राय ने पुस्तकों के महत्व के संदर्भ में कहा था: ” मैं पुस्तकों का नर्क में भी स्वागत करूँगा। इनमें वह शक्ति है जो नर्क को भी स्वर्ग बनाने की क्षमता रखती है।” वास्तव में मनुष्य के लिए ज्ञान अर्जन व बुद्‌धि के विकास के लिए पुस्तकों का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है।

प्रतिभास्थली में बलिकाओं के मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए एक विशाल ग्रंथालय अर्थात पुस्तकालय संचालित हो रहा है यहाँ सभी विषयों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। जिनसे छात्राएं सहज ही आवश्यक जानकारियाँ प्राप्त कर सकती हैं ।
 
पुस्तकें मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक विश्वसनीय मित्र होती हैं परन्तु अच्छी पुस्तकें ही अच्छे मित्र समान मनुष्य के ज्ञान कोष का विकास करने में सहायक हो सकती है।

इन्ही सभी बातों को ध्यान में रखते हुए प्रतिभास्थली में ग्रंथालय में सभी विषयों के साथ-साथ सन्दर्भ पुस्तिकाएं, पत्रिकाएँ, समाचार पत्र, नीति कहानियाँ, नैतिक पुस्तिकाएँ आदि पुस्तकें उपलब्ध है तथा सभी विषयों की सीडी और डीव्हीडी भी उपलब्ध है, जिनसे छात्राएं अपने विषयों को और अधिक स्पष्ट रूप से समझ सकें।
 
 
विद्यालय का ग्रंथालय प्राचीन परम्पराओं का पोषक, आधुनिक ज्ञान का साधन और आध्यात्मिक साधना की तपस्थली हैं । आचार्य भगवन ने ज्ञान के संदर्भ में कहा है- "बहुत नहीं बहुत बार पढ़ने से ज्ञान का विकास होता है"