शिक्षालय

विद्यालय वह स्थल है जहाँ शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। परन्तु आज वास्तविकता में छात्र विद्यालय से वह ज्ञान प्राप्त नहीं कर पा रहा जो उसके जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सके।

 
प्रतिभास्थली में प्राचीन व वर्तमान व्यवस्थाओं के अनुसार जहाँ एक ओर प्रकृति की गोद में अनौपचारिक रूप से विद्या अध्ययन कराया जाता हैं, वही दूसरी ओर भवनों के अंदर औपचारिक रूप से विद्या अध्ययन कराया जाता हैं।

सरस्वती के इन मंदिरों में पुस्तकालय, प्राचार्य कक्ष, अनेक कक्षा कक्ष, दृश्य-श्रव्य कक्ष, योग कक्ष, भौतिकी विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान व कम्प्यूटर प्रयोगशालाएँ, पाक शालाएं, खेल कक्ष, सिलाई कक्ष, नृत्य व संगीत कक्ष आदि स्थित हैं जहाँ शाला अवधि के दौरान छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कलाओं में भी पारंगत किया जाता हैं।
 
छात्राओं के सर्वतोन्मुखी विकास को दृष्टि में रखते हुए यहाँ विषय शिक्षिकाओं के अतिरिक्त पाठ्य सहगामी गतिविधिओं में दक्ष अनेक शिक्षिकाएँ अध्यापनरत हैं।

यहाँ की शिक्षिकाएँ पी.एच.डी., एम.एस.सी., एम.एड., एम.ए., एम.कॉम., ऍम.बी.ए., एम.सी.ए., बी.ए.एम.एस. आदि अनेक डिग्रीओं की धारक हैं। जिनके अनुभवों का लाभ सदैव छात्राओं को प्राप्त होता है।