हमारा इतिहास
प्रतिभास्थली का इतिहास संस्कृति और संस्कारों के महामनीषी दिगम्बराचार्य 108 विद्यासागरजी महाराज के द्वारा रचा गया है। शिक्षा के क्षेत्र में गहराते सघन अंधकार को मिटाने विद्या सूर्य ने अपनी रश्मियों को तेजस्वी बनाया और 30 जून, 2006 को नर्मदा के पावन तट तिलवारा घाट (जबलपुर) पर इस वसुंधरा की अप्रतिम कृति, प्राचीन व आधुनिक संस्कृति की संवाहक प्रतिभास्थली का सृजन कर अपने दिव्य प्रकाश से हृदय के गहनतम अँधेरे कोनों में प्रकाश भरना आरम्भ कर दिया।
आगे भविष्य के गर्भ में छुपे अनगिनत शिक्षा संस्थान आचार्यश्री के मनोभावों के अनुरूप आकार पाते रहेंगे …
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प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ
चन्द्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़
जिला-राजनांदगाव (छत्तीसगढ़)491445
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