नृत्य

नृत्य भी मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है। यह एक सार्वभौम कला है, भारतीय संस्कृति एवं धर्म आरंभ से ही मुख्यतः नृत्यकला से जुड़े रहे हैं। भारतीय कलाओं में नृत्य को मुख्य स्थान दिया गया है, जिसमें विशेष रूप से कन्याओं की कला का यह मुख्य अंग है, और हमारा उद्देश्य है कन्या को हर कला में निपुण करना।

इसी भावना से प्रतिभास्थली में नृत्य कला के रूप में भरत नाट्यम की शिक्षा दी जाती है, जिसमें भाव भंगिमाओं के साथ वे इस कला को प्रशिक्षित शिक्षिकाओं के माध्यम से प्राप्त करती हैं, साथ में गरवा, डांडिया आदि का प्रशिक्षण भी प्राप्त करती है।